मार्च 25, 2018 को दैनिक हरि भूमि में श्री केजरीवाल के माफीनामे को लेकर मेरे विचार:
अगस्त १२, २०१६: दैनिक जागरण में आज प्रकाशित मेरा आलेख : अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव -चयन की चुनौती
http://epaper.jagran.com/epaperimages/12082016/delhi/11del-pg14-0.pdf
सौ दिन किसी सरकार के प्रदर्शन के आकलन के लिये प्रयाप्त नहीं है, फिर भी इससे सकेंत तो मिल ही जाता है कि सरकार किस दिशा कि ओर जा रही है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों पर दैनिक जागरण में प्रकाशित मेरा आलेख: उपलब्धि भरे सौ दिन
http://epaper.jagran.com/epaperimages/25052015/delhi/24ned-pg7-0.pdf
पंजाब केसरी समाचारपत्र में दिनांक फरवरी 3, 2015 को सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित मेरा आलेख: दिल्ली को ‘पूर्ण राज्य का दर्जा’ – संघीय व्य्वस्था का सम्मान
पढ़ने के लिये वेब लिंक पर क्लिक करें: http://punjabkesari.epapr.in/431337/Punjab-kesari-/-Punjab-kesari-Main?how=touch#page/6/1
सरकार को चाहिए कि खुद स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन की बजाय वह स्वास्थ्य बीमा का दायरा विस्तृत करे। मजबूत कानून तथा मापदंडों के चलते यदि स्वास्थ्य बीमा का व्यापक विस्तार हो, तो जनता सरकारी या निजी क्षेत्र से चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करने में कहीं अधिक सक्षम हो सकेगी।
आज के हिन्दुस्तान दैनिक में प्रकाशित मेरा आलेख: स्वास्थ्य सेवा की सुध लेने का समय
विस्तार में पढने के लिऐ: http://epaper.livehindustan.com/story.aspx?id=174553&boxid=29349096&ed_date=2015-03-18&ed_code=1&ed_page=10
अंग्रेज़ी के ‘सस्टेनेबल’ शब्द का अर्थ है टिकाऊपन, स्थायित्व या दीर्घकालिता। इसका मतलब यह कि मानव और उसके चारों ओर का परितंत्र एक दूसरे के साथ शांति, विकास और सामंजस्य से रहे। जबकि आज दिल्ली बढ़ती आबादी, विकास के नाम पर दुर्गति और नियोजन के मजाक की जीती-जागती मिसाल बन गई है।
कल दिनांक, 9 मार्च 2015 के ‘अमर उजाला’ समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ मेरा आलेख: क्या दिल्ली एक टिकाऊ शहर है?http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20150308a_012101005&ileft=5&itop=1189&zoomRatio=130&AN=20150308a_012101005
पिछली दो शताब्दियों में अमेरिका ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है, पर अपने समाज में श्वेत-अश्वेत के बीच नस्ली भेदभाव की खाई पाटने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया है। आज जब वह खुद को विश्व नेता के रूप में स्थापित करना चाहता है, तब उसे अपने घर में फैली नस्ली असमानता मिटाने पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इन दिनों अमेरिका में ‘अफ्रीकन अमेरिकन हिस्ट्री मंथ’ मनाया जा रहा है।19 फरवरी, 2015 के नवभारत टाइम्स समाचारपत्र में प्रकाशित मेरा लेख – सपनों के देश में यह कैसा अंधेरा:
http://epaper.navbharattimes.com/details/24870-56805-1.html
विकास का स्वपन बिना अच्छी सड़कों के अस्म्भव है। नवम्बर 10, 2014 को “दैनिक अजीत” समाचार पत्र में प्रकाशित मेरा आलेख: http://www.ajitsamachar.com/edition/20141110/3.cms
आगामी मंगलवार यानी 4 नवम्बर को अमेरिका में चुनाव होने हैं. इसे चुनाव दिवस कहा जाता है. चुनाव दिवस: अमेरिकी व् भारत की प्रणाली में अंतर.
तथा इबोला का अमेरिका पर दस्तक.
इन विषयों पर आधारित है मेरा इस बार का स्तम्भ (कालम). “वीर अर्जुन” समाचार पत्र में प्रत्येक बुधवार को प्रकाशित.
लिंक: http://goo.gl/ZRiOb9