जिस प्रकार हमारा समाज और हमारी अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार रूपी दंश से पीड़ित है, उसी प्रकार सुहृद पूंजीवाद (Crony-capitalism) हमारी अर्थव्यवस्था और इस समाज के लिए एक अभिशाप है। सुहृद पूंजीवाद में जहाँ व्यापारी व् पूंजीपति अपने व्यापार की सफलता के लिए सरकारी अधिकारियों के बीच अपने करीबी रिश्तों पर निर्भर होकर गलत तरीकों से कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर सरकारी अधिकारीयों की सहमति की मोहर लगवाकर अपने हित और अपने व्यापार को पोषित करते हैं। फिर वो चाहे कोई कानूनी परमिट हो, सरकारी अनुदान हो या फिर किसी अन्य सरकारी योजना का हिस्सा हो। इसे हम व्यवस्था में व्याप्त वितरण में पक्षपात भी कह सकते है।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने सुहृद पूंजीवाद के खिलाफ चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है: ” यह हमारी विकास दर को अत्यधिक धीमा करता है “। यह विकासशील देशों के विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आम जनता के हितों के लिए यह एक वास्तविक चिंता का विषय है।“ यह बात उन्होंने पिछले सप्ताह को मुंबई में ललित दोशी मेमोरियल लेक्चर में कहीं। श्री राजन ने कहा की पिछला आम चुनाव पूरी तरह से राजनीतिज्ञों और व्यापारिक समूहों के बीच सांठगांठ के आरोपों से भरा था जो की एक गंभीर चिंता का विषय है। राजन ने अपने गहरे पहलुओं को सबके सामने रखा जिसमे उनका कहा कि ‘अमीर और प्रभावशाली व्यक्ति भूमि और प्राकृतिक संसाधनों के आधिपत्य के लिए सुहृद पूंजीवाद का प्रयोग कर रहे है, कही ऐसा तो नहीं की सुहृद पूंजीवाद, अतीत में व्याप्त सुहृद समाजवाद को प्रतिस्थापित कर रहा है। यह लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के लिए हानिकारक है। यह एक स्वाभाविक प्रश्न है, की क्यों जनता ऐसे राजनीतिज्ञों को वोट करती हैं, जो की सुहृद पूंजीवाद को बढ़ावा देते है। कुछ अच्छे लोग है, जो राजनीति के परिद्रश्य को बदलना चाहते है पर जब वो चुनाव लड़ते है तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाती है।
ध्यान देने योग्य बात यह है की मैं पूंजीवाद के खिलाफ नही हूँI मेरा अर्थशास्त्रीय झुकाव बाज़ार की तरफ है I सरकार का काम बिज़नस स्वयं करना नहीं है, अपितु, सरकार ऐसा मूल ढांचा तैयार करे ताकि नागरिक अधिक अच्छे ढंग से गुणवत्ता व् उत्पादन वाला व्वसाय कर सके।
Certainly the “crony capitalism” is another for of corruption and deterrent to healthy competition, which is the corner stone of free enterprise. This is what US Govt aims for.
Munish ji, have you returned to US.
We would like to have a meeting.
I am expecting the good news from Punjab and it may be and reason to meet and celebrate.