Real Test of Democracy

How should our elected representatives behave and work? Does winning an elected post entitle them to indulge in corruption and self-serving activities? It seems that some people join politics to serve the society , whereas others join to fill their coffers. The real test of democracy is how strongly it works at the grass root level. In Narnaul district, on the same day newspapers have reported two contrast news items about our elected Sarpanchs (village Heads). The Hindi daily Jagran reports on July 10, 09.

राष्ट्रपति से मिलने के लिए सरपंच के संग महिलाएं गईं:
नारनौल, जागरण संवाद केंद्र : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बुलावे पर जिले के गाव कोथल खुर्द की महिला सरपंच रोशनी देवी शुक्रवार अपराह्न उपायुक्त ए. श्रीनिवास के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुईं। उनके साथ उनकी मंडली की 18 महिलाएं भी गई हैं। राष्ट्रपति 11 जुलाई को इस जत्थे से भेंट करेंगी। 11 जुलाई को राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद यह टीम शाम तक नारनौल पहुच जाएगी। मालूम हो कि गाव कौथल खुर्द की महिला सरपंच रोशनी देवी व उनकी मंडली द्वारा शराबियों के खिलाफ छेडे़ गए क्रातिकारी अभियान से प्रभावित होकर ही राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हे बुलावा भेजा था।

इस महिला मंडली की कार्यशैली अनूठी थी, जिसके कारण यह चर्चा में आ गई। इस समूह ने गाव में सार्वजनिक स्थल पर शराब पीने वालों पर अंकुश लगाने के लिए मंदिर के नाम 500 रुपये की पर्ची काटनी शुरू कर दी थी, जो शराबियों पर बहुत भारी पड़ी। वास्तविकता भी यही है कि इसी कारण यह समूह ज्यादा कारगर साबित हुआ। हालांकि इसके अलावा उन पर नैतिकता के आधार पर भी शराब को छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि अब गाव में शराब पीकर घूमने वालों पर पूरी तरह अंकुश लग चुका है। इससे भी बड़ी बात यह है कि महिला मंडली इस उद्देश्य की पूर्ति के बाद भी शांत नहीं बैठी है और दायरे को बढ़ाते हुए सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
गबन के आरोप में ग्राम सचिव व सरपंच नामजद:

नारनौल, जागरण संवाद केंद्र : गांव दोचाना के सरपंच धर्मपाल एवं ग्राम सचिव उमेश चंद पर अदालत के निर्देश पर धोखाधड़ी एवं आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। सरपंच और सचिव के खिलाफ गांव के ही एक पंच द्वारा अदालत में इस्तगासा दायर कर उसके एवं कुछ अन्य पंचों के फर्जी हस्ताक्षर कर ग्रांट लेने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की अपील की गई थी।

जानकारी के अनुसार गांव दोचाना के पंच मदनलाल ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में गत 6 जुलाई को एक इस्तगासा पेश कर सरपंच एवं ग्राम सचिव पर मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को आदेश देने की गुहार लगाई थी। मदनलाल ने इस्तगासा में बताया कि ग्राम पंचायत दोचाना के सरपंच धर्मपाल ने विभिन्न तारीखों में पंचायत पुस्तिका व कार्यवाही कमेटी रजिस्टर में उसके तथा कुछ अन्य पंचों, महिला पंच देवी और मुमताज अली तथा सुरेश कुमार पंच के फर्जी हस्ताक्षर कर एवं अंगूठे लगा कर प्रस्ताव पारित कर लिए। जबकि उक्त पंचों के सामने इस प्रकार की कोई बैठक हुई ही नहीं थी। सरपंच धर्मपाल ने पंचायत के सदस्यों का कोरम पूरा दिखाने की नीयत से प्रस्तावों पर फर्जी हस्ताक्षर कर लिए थे। ऐसा कर सरपंच ने सरकार से ग्रांट भी प्राप्त कर ली। इस्तगासा में यह भी कहा गया कि ग्राम सचिव उमेश चंद ने भी सरपंच धर्मपाल से फर्जी हस्ताक्षरों के माध्यम से पारित इन प्रस्तावों को अटेस्ट करके इस अपराध में सरपंच का सहयोग किया है। पंच मदनलाल ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी शपथ पत्र के साथ एक शिकायती दरखास्त भेजी थी, किंतु पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ता पंच मदनलाल के अधिवक्ता सुरेंद्र ढिल्लो ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गत 6 जुलाई को धारा 156 सीआरपीसी के तहत इसे नारनौल सदर थाना में भेज दिया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सरपंच व ग्राम सचिव कि खिलाफ गत बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406 व 120 बी के तहत मुकदमा नंबर 159 दर्ज कर लिया है।

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